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सीटू जिला कमेटी हमीरपुर ने मोदी सरकार की नई श्रम संहिताओं का किया कड़ा विरोध
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कार्यस्थलों पर श्रम संहिता की प्रतियां जलाने का अभियान, 26 नवंबर को विशाल प्रदर्शन
पोल खोल न्यूज। हमीरपुर
सीटू (CITU) जिला कमेटी हमीरपुर ने केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर को जारी की गई श्रम संहिताओं को लागू करने संबंधी अधिसूचना का जोरदार विरोध किया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार 2019-20 से ही इन श्रम संहिताओं को लागू करने की कोशिश कर रही थी, जिसका देश के मजदूर संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं।
सीटू जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नई श्रम संहिताएं देश की विशाल श्रम शक्ति को बंधुआ मजदूरी जैसे हालातों की ओर धकेलने की कवायद हैं। उनका कहना है कि इन संहिताओं में मालिकों को श्रमिकों के शोषण की खुली छूट दी गई है, जबकि दूसरी ओर मजदूरों के यूनियन बनाने और अपनी आवाज उठाने के अधिकारों को कमजोर कर दिया गया है।
300 से कम कर्मचारियों वाले उद्योगों में असर सबसे ज्यादा
नई व्यवस्था के तहत जहां पहले छँटनी, कर्मचारियों को निकालने या उद्योग बंद करने के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी था, अब 300 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए यह शर्त पूरी तरह हटा दी गई है। सीटू का कहना है कि इससे देश की लगभग 90 प्रतिशत श्रम शक्ति प्रभावित होगी, जो सामाजिक सुरक्षा के दायरे से बाहर हो जाएगी।
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मजदूरों के सौदेबाजी व विरोध के अधिकार कमजोर
सीटू ने कहा कि यूनियन बनाने, विरोध प्रदर्शन करने और सौदेबाजी के अधिकारों को कमजोर करके मजदूरों को कॉर्पोरेट पूंजीपतियों के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। संगठन का आरोप है कि ये श्रम संहिताएं केवल कॉर्पोरेट मालिकों के हितों को साधने के उद्देश्य से बनाई गई हैं।
सीटू शुरू करेगी आंदोलन
नई श्रम संहिताओं को निरस्त करने की मांग को लेकर सीटू ने आंदोलन का ऐलान किया है। इसी क्रम में कल से कार्यस्थलों पर श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाने की शुरुआत की जाएगी। वहीं 26 नवंबर को हमीरपुर में विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।


Author: Polkhol News Himachal









