

एड्स पर विजय का संदेश : टौणी देवी विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम के ज़रिए एकजुटता और करुणा की मिसाल
एड्स पर विजय का संदेश : भय से नहीं, ज्ञान और करुणा से हारेगा एड्स, टौणी देवी में मनाया गया एड्स दिवस
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में रेड रिबन क्लब के सौजन्य से जागरूकता से जुड़े अनेक रचनात्मक, प्रेरणादायक एवं सामाजिक सरोकारों से युक्त कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर जन-जागरूकता, सेवा-भाव, करुणा और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से सराबोर दिखाई दिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं समाज को एचआईवी तथा एड्स के प्रति सही जानकारी देना, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना तथा पीड़ितों के प्रति संवेदनशील एवं मानवीय दृष्टिकोण विकसित करना रहा।
कार्यक्रम के दौरान रेड रिबन, जो एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के साथ एकजुटता, करुणा और सम्मान का वैश्विक प्रतीक है, विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। विद्यालय के खेल मैदान में जूनियर रेड क्रॉस क्लब, एनएसएस स्वयंसेवकों, स्काउट्स-गाइड्स, एनसीसी कैडेट्स एवं इको क्लब के विद्यार्थियों ने विशाल मानव श्रृंखला बनाकर रेड रिबन का आकार निर्मित किया। यह दृश्य अत्यंत प्रभावशाली रहा और इसने समाज को यह स्पष्ट संदेश दिया कि एड्स के विरुद्ध लड़ाई में एकजुटता, जागरूकता और सही जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है। विद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना ही नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच, सहानुभूति और संवेदनशीलता का विकास करना भी है।
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उन्होंने बताया कि एड्स मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति सामान्य संक्रमणों से भी लड़ने में असमर्थ हो जाता है। उन्होंने अभिभावकों तथा समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि एचआईवी संक्रमित बच्चों और व्यक्तियों के प्रति आत्मीयता, प्रेम और सम्मान का भाव रखें तथा उनसे किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें, ताकि वे मानसिक और सामाजिक रूप से स्वयं को सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकें। इस अवसर पर कक्षा दसवीं की छात्रा रूचि एवं जमा एक की छात्रा शगुन ने एड्स और एचआईवी से संबंधित महत्वपूर्ण एवं वैज्ञानिक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि एड्स एचआईवी नामक विषाणु के कारण होता है, जिसकी पहचान संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह बाद ही रक्त जांच से संभव होती है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति वर्षों तक सामान्य दिखाई दे सकता है और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, किंतु इस दौरान अनजाने में दूसरों को संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है।
उन्होंने यह भी बताया कि एड्स का संक्रमण मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या रक्त चढ़ाने, माता से शिशु में संक्रमण तथा नशीली दवाओं के सेवन से फैलता है। छात्राओं ने यह भी स्पष्ट किया कि एचआईवी सामान्य सामाजिक संपर्क जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही पानी पीने, शौचालय साझा करने, एक साथ पढ़ने या सामान्य खेल गतिविधियों से नहीं फैलता। अतः डर, अज्ञानता और भ्रम के स्थान पर समाज को वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित सोच को अपनाना चाहिए। रेड रिबन क्लब के संयोजक हेम लाल ने बताया कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम “बाधाओं को पार कर एड्स के प्रति हमारी प्रतिक्रिया में परिवर्तन” रखी गई है, जो यह संदेश देती है कि एड्स से जुड़ी शर्म, भय, सामाजिक दूरी, भेदभाव और गलत धारणाओं को समाप्त कर सकारात्मक सोच और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से निर्णायक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि एकजुट होकर एड्स मुक्त समाज और समान अवसरों से भरी दुनिया के निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दें। कार्यक्रम के अंतर्गत नारा लेखन एवं पेंटिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने रंगों और शब्दों के माध्यम से एड्स जागरूकता का सशक्त संदेश जन-जन तक पहुँचाया। कार्यक्रम का समापन इस प्रेरक संदेश के साथ हुआ कि यदि समाज सही जानकारी अपनाए, जागरूक बने और पीड़ितों के प्रति संवेदनशील व्यवहार करे, तो एड्स को समाप्त करना कोई असंभव लक्ष्य नहीं है।


Author: Polkhol News Himachal








