

दूसरे पति की मौत के बाद लौटी महिला ने पहले पति से मांगा 20 हजार भत्ता, कोर्ट ने खारिज की याचिका
फैमिली कोर्ट बिलासपुर ने अर्जी की खारिज — कहा, व्यभिचार में रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं
पोल खोल न्यूज़ । बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में एक महिला द्वारा पहले पति से प्रतिमाह 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता मांगे जाने के मामले में फैमिली कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने महिला की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि जो महिला लंबे समय तक व्यभिचार में रहकर दूसरे पुरुष की पत्नी बनकर रहती रही हो, उसे पहले पति से भरण-पोषण भत्ता लेने का कोई अधिकार नहीं है।
दूसरे पुरुष के साथ रहकर बदला नाम, पति ने दिए सबूत
करीब 28 साल पहले महिला पहले पति का घर छोड़कर पंजाब के कपूरथला जिले के गांव संगोजला में साधु जरनैल सिंह के साथ रहने लगी थी। वहां उसने अपना नाम ‘लक्ष्मी’ रख लिया और जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में रहना शुरू कर दिया।
पति ने अदालत में बताया कि जरनैल सिंह की मौत के बाद महिला ने उसकी संपत्ति भी अपने नाम करवा ली।
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पंजाब सरकार के राशन कार्ड, वोटर आईडी, पंचायत प्रमाण पत्र, और विधवा पेंशन फॉर्म में भी महिला लक्ष्मी पत्नी जरनैल सिंह के रूप में दर्ज मिली।
मौत के बाद वापस लौटी, फिर भत्ता मांगने लगी
साल 2016 में महिला अचानक वापस आई और दावा किया कि उसे पंजाब में धमकियां मिल रही हैं। पंचायत और रिश्तेदारों के साथ पति उसे वापस घर ले आया, जहां उसे रहने के लिए कमरे और सुविधाएं दी गईं।
इसके बाद महिला ने दावा किया कि वह कानूनी रूप से अपने पहले पति की पत्नी है और पति के पास 70 बीघा जमीन, फोरलेन के लिए मिली राशि व रेलवे लाइन के मुआवजे के कारण 20 हजार रुपये महीना देना उसके लिए संभव है।
अदालत ने कहा: व्यभिचार का अधिकार कहीं नहीं
फैमिली कोर्ट ने रिकॉर्ड के आधार पर पाया कि:
- महिला 2016 से पहले पति के साथ नहीं रहती थी,
- कई वर्षों तक वह दूसरे व्यक्ति की पत्नी के रूप में व्यभिचारी जीवन बिताती रही,
- उसने अपने पक्ष में कोई स्वतंत्र गवाह भी पेश नहीं किया,
- जबकि पति ने पंचायत प्रधान और अपने बेटे को गवाह बनाया।
अदालत ने 17 नवंबर 2025 को सुनाए अपने फैसले में कहा कि धारा 125(4) सीआरपीसी के अनुसार व्यभिचार में रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की पात्र नहीं है, चाहे पति कितना ही संपन्न क्यों न हो।
इन्फो बॉक्स
मामले के मुख्य बिंदु एक नजर में

| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| कहां का मामला | फैमिली कोर्ट, जिला बिलासपुर (हिमाचल) |
| महिला कब छोड़ी थी घर | करीब 28 साल पहले |
| किसके साथ रही | साधु जरनैल सिंह (गांव संगोजला, पंजाब) |
| महिला का बदला नाम | ‘लक्ष्मी’ (जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में) |
| 2016 में क्या हुआ | महिला धमकियों का हवाला देकर पहले पति के पास लौटी |
| क्या मांग रही थी | 20,000 रुपये मासिक भरण-पोषण |
| पति के सबूत | राशन कार्ड, वोटर आईडी, पंचायत प्रमाण पत्र — सब ‘लक्ष्मी पत्नी जरनैल सिंह’ नाम से |
| अदालत का आधार | सीआरपीसी धारा 125(4): व्यभिचार में रहने वाली पत्नी को भत्ता नहीं |
| फैसला | भरण-पोषण की अर्जी खारिज |

Author: Polkhol News Himachal









