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जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा का दबदबा, पांच वर्षों में 27 चुनावी जीतें
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राष्ट्रीय राजनीति का निर्णायक चेहरा बने बिलासपुर के सपूत
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश के शांत शहर बिलासपुर से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पहचान गढ़ने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज भारतीय लोकतंत्र में रणनीति, संगठन क्षमता और नेतृत्व की मिसाल माने जाते हैं। छात्र राजनीति से शुरुआत कर केंद्रीय मंत्री बनने तक और वर्ष 2020 से 2025 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी को लगातार चुनावी सफलताएँ दिलाईं। इन पांच वर्ष में भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा मिलाकर 27 बड़े चुनाव जीते, जो किसी भी राष्ट्रीय संगठनात्मक प्रमुख के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है।
2020–2025 : नड्डा के नेतृत्व में भाजपा का स्वर्णिम दौर
जेपी नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल पर नजर डालें तो
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए की वापसी,
- असम, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर जैसे राज्यों में निर्णायक जीत,
- हिंदी पट्टी की बड़ी तिकड़ी—यूपी, उत्तराखंड और गुजरात—2022 में धमाकेदार प्रदर्शन,
- हरियाणा 2024,
- दिल्ली 2025 के विधानसभा चुनावों में बड़े स्तर पर बढ़त,
- और लोकसभा चुनाव 2024 में भारी बहुमत
इन सभी में नड्डा की चुनावी रणनीति निर्णायक रही।
नड्डा के कार्यकाल में भाजपा ने न सिर्फ बड़े राज्यों में पकड़ मजबूत की, बल्कि पूर्वोत्तर, ओडिशा और दक्षिण भारत में भी संगठन का विस्तार किया। पार्टी की पकड़ बूथ स्तर तक सुदृढ़ हुई और उपचुनावों व निकाय चुनावों में भी लगातार बढ़त मिलती रही।
बिहार से आई 27वीं जीत
जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा की जीतों का आंकड़ा अब 27 पर पहुंच गया है। हाल ही में बिहार में मिली जीत को भाजपा नेतृत्व के लिए एक और बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला क्षण माना जा रहा है।
2022—एकमात्र अपवाद, अपना हिमाचल नहीं बचा पाए
हालांकि नड्डा राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी परचम लहराने में सफल रहे, लेकिन अपने गृह प्रदेश हिमाचल में 2022 का चुनाव भाजपा नहीं जीत सकी और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।
इसके बावजूद नड्डा की राजनीतिक यात्रा और नेतृत्व की प्रभावशीलता पर कोई असर नहीं पड़ा। पार्टी ने उन्हें और अधिक जिम्मेदारी देते हुए विस्तार अवधि में भी संगठन की कमान सौंपे रखी।
बिलासपुर से दिल्ली तक—एक प्रेरक सफर
जेपी नड्डा की राजनीतिक यात्रा युवा मोर्चा से शुरू होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक पहुंची है।

- संगठन कौशल,
- शांत स्वभाव,
- संयमित कार्यशैली
उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित करती है जो पर्दे के पीछे रहकर भी निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हैं।
आज नड्डा भाजपा के उस शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा हैं जिसे राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जाता है। हिमाचल भाजपा भले 2022 में सत्ता से बाहर हो गई हो, लेकिन नड्डा का कद राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होकर उभरा है।
जेपी नड्डा परिभाषित करते हैं कि नेतृत्व सिर्फ प्रदेश की राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय दायित्व और व्यापक दृष्टि का नाम है।

Author: Polkhol News Himachal









