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टौणी देवी का जला फॉरेस्ट रेस्ट हाउस दो साल से खंडहर, देखरेख को कोई तैयार नहीं

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  • टौणी देवी का जला फॉरेस्ट रेस्ट हाउस दो साल से खंडहर, देखरेख को कोई तैयार नहीं

  • आग ने छीनी कस्बे की एकमात्र ठहरने की सुविधा, विभाग और जनप्रतिनिधि दोनों खामोश

रजनीश शर्मा। हमीरपुर

टौणी देवी के ऐतिहासिक कस्बे में स्थित वन विभाग का एकमात्र फॉरेस्ट रेस्ट हाउस दो वर्ष पहले जंगल की आग की चपेट में आकर जलकर राख हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में बना यह रेस्ट हाउस आज भी खंडहर बना खड़ा है। न विभाग इसकी मरम्मत की ओर ध्यान दे रहा है और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इसे दोबारा शुरू करवाने की पहल की है।

टौणी देवी तहसील मुख्यालय होने के साथ-साथ ब्लॉक, विभिन्न विभागों के डिवीजन व सब-डिवीजन, सिविल अस्पताल सहित प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है। प्रदेश के कोने–कोने से यहां लोग कार्यों के लिए पहुंचते हैं, लेकिन रुकने के लिए कस्बे में एक भी रेस्ट हाउस उपलब्ध नहीं है।

लोगों को रात रुकने के लिए 8 किलोमीटर दूर ऊहल या 5 किलोमीटर दूर समीरपुर के लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। टौणी देवी का फॉरेस्ट रेस्ट हाउस ही कस्बे की एकमात्र सुविधा था, जिसे आग ने बर्बाद कर दिया। इसके बाद से आज तक इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

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स्थानीय प्रतिनिधियों—जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, पंचायत प्रधान रविंद्र ठाकुर, पूर्व प्रधान सरवन कुमार, देश राज चौहान, जगदीश चौहान, बबीता चौहान, तथा ग्राम पंचायत टपरे की पूर्व प्रधान रजनीश कुमारी चौहान—ने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस की तुरंत मरम्मत कर इसे फिर से जनता के लिए उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि टौणी देवी जैसे महत्वपूर्ण कस्बे में रेस्ट हाउस का न होना आम जनता के लिए भारी असुविधा पैदा कर रहा है। उन्होंने वन विभाग तथा प्रशासन से आग्रह किया है कि रेस्ट हाउस को जल्द पुनर्निर्मित कर सुविधा बहाल की जाए।

 

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