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बरसात खत्म होते ही हिमाचल में 25 फीसदी तक घट गया बिजली उत्पादन

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बरसात खत्म होते ही हिमाचल में 25 फीसदी तक घट गया बिजली उत्पादन

पोल खोल न्यूज़ | शिमला

बरसात का मौसम खत्म होते ही हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं से रोजाना उत्पादन 25 फीसदी तक घट गया है। जहां बीते माह तक राज्य में औसतन 350 लाख यूनिट बिजली का दैनिक उत्पादन हो रहा था, वहीं अब यह घटकर 250 से 260 लाख यूनिट प्रतिदिन रह गया है।

हिमाचल की अधिकांश जल विद्युत परियोजनाएं बरसाती जल स्रोतों पर निर्भर हैं। मानसून की समाप्ति और नदियों में जलस्तर घटने के कारण टरबाइन फुल क्षमता से नहीं चल पा रही हैं। नतीजतन, प्रदेश में बिजली की उपलब्धता पर असर पड़ा है। तापमान में गिरावट और ठंडक बढ़ने के साथ प्रदेश में बिजली की मांग 330 से 340 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा हीटर, गीजर और अन्य उपकरणों के इस्तेमाल बढ़ने से खपत लगातार बढ़ रही है।

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ऐसे में उत्पादन और मांग के बीच करीब 70 से 80 लाख यूनिट प्रतिदिन का अंतर बन गया है। इस कमी को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड ने पंजाब और छत्तीसगढ़ से रोजाना 50 से 60 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है। गर्मियों में हिमाचल ने इन राज्यों को बैंकिंग व्यवस्था के तहत बिजली दी थी, जिसे अब वापस लिया जा रहा है। गर्मियों में जब जलविद्युत परियोजनाएं पूरी क्षमता पर चल रही थीं, तब हिमाचल ने अतिरिक्त बिजली पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को बैंकिंग पर दी थी। अब इन राज्यों से वही बिजली वापस ली जा रही है ताकि मौजूदा मांग पूरी की जा सके।
प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड ने खुले बाजार से भी बिजली खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिये रोजाना आवश्यक मात्रा में खरीद की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान और घटेगा बिजली की मांग में और वृद्धि हो सकती है। ऐसे में दिसंबर-जनवरी के दौरान हिमाचल को और अधिक बिजली बाहर से खरीदनी पड़ सकती है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अनावश्यक बिजली खपत से बचें। विशेषकर घरेलू उपभोक्ता ऊर्जा दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करें ताकि घाटे की भरपाई में मदद मिल सके।

 

 

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