

प्राकृतिक खेती से तैयार जौ को किसानों से इस भाव में खरीदेगी सरकार
पोल खोल न्यूज़ | शिमला

हिमाचल प्रदेश में खेती के क्षेत्र से जुड़ी किसानों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश में पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार जौ अब 60 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा। इसके लिए सरकार 8 अक्टूबर से खरीद प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। प्रदेश सरकार का यह कदम किसानों को बेहतर दाम दिलाने की दिशा में अहम साबित होगा।
बता दें कि राज्य सरकार ने जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। दूरदराज क्षेत्र पांगी में पहली बार सरकार इसकी खरीद के लिए अभियान चला रही है। कृषि विभाग ने खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अभी तक इस घाटी में हुड़ान, सेचु, सुराल, किलाड़ और साच में पांच खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। पांगी क्षेत्र के 80 किसानों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विभाग में पंजीकरण करवाया है।
ये भी पढ़ें : त्योहारी सीजन में चलेगा मेगा अभियान, शराब पीकर गाड़ी चलाई तो कटेगा चालान, होगी छह माह तक की कैद
हिमाचल में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने को सरकार प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद प्रदेश में पूरी कर ली गई है। इसके तहत 22 खरीद केंद्रों पर 838 किसानों से कुल 2,123.587 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। अब प्राकृतिक खेती की तकनीक से तैयार गेहूं का आटा और दलिया तैयार किया गया है। डिपुओं के माध्यम से इसकी बिक्री ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत की जा रही है। वहीं, किसानों को उनकी फसल के लिए 1.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्त 4.15 लाख रुपये का भुगतान परिवहन सब्सिडी के रूप में किया गया है। इसी तरह से प्रदेश सरकार विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर प्राकृतिक रूप से उगाई गई उपज को प्रोत्साहित कर रही है। इसी के तहत गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम, मक्का के लिए 40 रुपये, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये और जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। यह पहल उपभोक्ताओं के लिए न केवल रसायन मुक्त उत्पाद बल्कि प्राकृतिक तरीके से खेती कर रहे किसानों को उत्पाद की बेहतर कीमत भी प्राप्त हो रही है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि ‘प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीणों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र से दो नई पहल दुग्ध प्रोत्साहन योजना और परिवहन अनुदान योजना शुरू की हैं। दुग्ध प्रोत्साहन योजना के तहत पंजीकृत दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को 3 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि और परिवहन अनुदान योजना के तहत निजी दुग्ध समितियों को भी दूध संग्रहण और परिवहन के लिए 3 रुपये प्रति लीटर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

Author: Polkhol News Himachal









