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किन्नौर में फटा बादल, बगीचे तबाह; राज्य में भूस्खलन से 555 सड़कें बंद

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किन्नौर में फटा बादल, बगीचे तबाह; राज्य में भूस्खलन से 555 सड़कें बंद

पोल खोल न्यूज़ | शिमला / किन्नौर

हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश का कहर लगातार जारी है। किन्नौर जिले के निगुलसरी के ठीक ऊपर थाच गांव में देर रात 12:10 पर बादल फटने से तबाही हुई है। बादल फटने के बाद आई बाढ़ से ग्रामीणों की उपजाऊ जमीन और बगीचों को नुकसान पहुंचा है। लोगों ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई। बाढ़ का मलबा निगुलसरी में एनएच पांच पर आ गया है, जिस कारण किन्नौर जिले का सड़क संपर्क कट गया है। बादल फटने से क्षेत्र के तीन नालों में आई बाढ़ से ग्रामीणों के खेतों और बगीचे तबाह हो गए। बाढ़ में दो गाड़ियां भी बह गईं। ग्रामीण मस्तान की दोगरी और गांव में मकान भी बाढ़ की चपेट में आया। तीन घरों को खतरा हो गया है।

वहीं, शिमला जिले के कई भागों में पिछले कई दिनों से लगातार जारी बारिश तबाही मचा रही है। राजधानी शिमला के हिमलैंड में सर्कुलर रोड पर फिर से भारी भूस्खलन हुआ है। जानकारी के अनुसार सेंट एडवर्ड स्कूल (हिमलैंड) के पास आधी रात 2:00 बजे भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन से एक भवन को भी खतरा पैदा हो गया है। एहतियातन प्रशासन ने भवन को खाली करवा दिया है। भूस्खलन से सर्कुलर रोड ठप हो गया। वहीं स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त शिमला के आदेशानुसार सेंट एडवर्ड स्कूल 19 और 20 सितंबर को बंद रहेगा।शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को स्कूल आने से छूट दी गई है। हालांकि, सभी कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करने को कहा गया है।वहीं सड़क बंद होने से लोग सुबह पैदल अपने कार्यस्थलों तक पहुंचे। छोटा शिमला, बीसीएस-खलीनी की ओर से बसें टाॅलैंड तक ही पहुंचीं। वहीं पुराना बस स्टैंड से कुछ बसें टिंबर हाउस तक चलीं। विद्यार्थियों, कर्मचारियों व अन्य कामकाजी लोगों को पैदल अपने कार्यस्थलों तक पहुंचना पड़ा। मरीजों-तीमारदारों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। सड़क बहाली का कार्य जारी है।

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राज्य में जगह-जगह भूस्खलन के चलते शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित 555 सड़कें बंद रहीं। इसके अतिरिक्त 162 बिजली ट्रांसफार्मर व 197 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में 202, मंडी 158, शिमला 50, कांगड़ा 40, सिरमाैर 24 व चंबा में भी 24 सड़कें बंद हैं। वहीं सबसे अधिक 126 जल आपूर्ति स्कीमें प्रभावित हैं।

हिमाचल में इस मानसून सीजन में अब तक 4,74,993.36 लाख की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में 20 जून से 18 सितंबर तक 424 लोगों की जान चली गई है, 481 लोग घायल हुए हैं। 45 लोग अभी भी लापता हैं। 182 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। राज्य में 632 पक्के, 972 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 2,258 पक्के और 4,767 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है। 585 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके अलावा 6,815 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 2,458 मवेशियों की माैत हो गई।

 

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