best news portal development company in india

कंप्यूटर शिक्षकों को हाई कोर्ट से राहत, नियमित करने के आदेश

SHARE:

कंप्यूटर शिक्षकों को हाई कोर्ट से राहत, नियमित करने के आदेश

हाई कोर्ट ने 1302 याचिकाकर्ताओं को सभी परिणामी लाभ का पात्र बताया

रजनीश शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त 1302 कंप्यूटर अध्यापकों को राहत देते हुए उन्हें नियमित करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद सुमन ठाकुर, राज्य अध्यक्ष, हिमाचल कंप्यूटर शिक्षक संघ ने हिमाचल हाई कोर्ट का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में वर्ष 2001 से सेवाएं दे रहे 1302 कंप्यूटर टीचरों को इससे लाभ होगा। 25 वर्ष से सेवाएं दे रहे कंप्यूटर टीचरों का आउटसोर्स नाम देकर शोषण होता रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वास है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कंप्यूटर टीचरों के हित में उच्च न्यायालय की ओर से दिए फैसले को शिक्षा विभाग में शीघ्र लागू करने के आदेश जारी करेंगे।

2016 से नियमित करने

माननीय हाई कोर्ट न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने मनोज कुमार शर्मा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सरकार को आदेश दिए कि उन्हें कम से कम वर्ष 2016 से नियमित किया जाए, जब से उन्होंने याचिकाएं दायर की हैं। कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता लंबे समय से अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण अदालत को रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करना आवश्यक है।

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा की, राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए

12 सप्ताह का दिया समय, 2001 में शुरू हुई थी कंप्यूटर शिक्षा

कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 12 सप्ताह में संपूर्ण कार्रवाई पूरी कर तत्काल याचिका दायर करने की तारीख से कम से कम पैट, ग्रामीण विद्या उपासक और पीटीए श्रेणियों के साथ याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को नियमित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सभी परिणामी लाभ का पात्र भी बताया। याचिकाकर्ता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 2001 से काम कर रहे हैं। उन्हें स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा नियोजित किया है।

लंबे संघर्ष के बाद मिला कोर्ट से इंसाफ , अब सरकार से बंधी राहत की उम्मीद

सरकार ने 2001-02 से आइटी शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे और जनशक्ति के प्रविधान को आउटसोर्स किया है। याचिकाकर्ता इस आधार पर राहत की मांग कर रहे थे कि आउटसोर्स किए कर्मचारियों के रूप में उनके लंवे कार्यकाल की अवधि को देखा जाए। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि नई भर्ती के लिए उनके मौके कम हो गए थे। उन्होंने 40 साल की उम्र को पार कर लिया है। प्रार्थियों का कहना था कि जिस तरह पीटीए, ग्रामीण विद्या उपासक और पैरा शिक्षकों को नियमितीकरण का लाभ दिया, वे भी नियमितीकरण का अधिकार रखते हैं।

 

Leave a Comment

best news portal development company in india
best news portal development company in india
सबसे ज्यादा पढ़ी गई
error: Content is protected !!

Follow Us Now