

तथ्यों को जारीकर, देश की आज़ादी का इतिहास बताए आरएसएस और भाजपा : संदीप सांख्यान
आज़ादी की लड़ाई में, जिन संगठनों का योगदान रहा उनको भुलाना नहीं चाहिए…. संदीप सांख्यान
गाँव-गली-मुहल्ले में जाकर गलत इतिहास न बताए आरएसएस और भाजपा… संदीप सांख्यान
पोल खोल न्यूज़ | हमीरपुर
प्रेस को जारी बयान में संदीप सांख्यान ने भाजपा और आरएसएस के नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में इन संगठनों का कभी कोई योगदान नहीं रहा, यदि इनमें से किसी भी संगठन का आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान रहा है तो उनकी भूमिका और उनकी शहादतों के बारे भाजपा और आरएसएस को बताना चाहिए। संदीप सांख्यान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा और आरएसएस धर्म के आधार पर तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए आज गाँव और गली-मुहल्लों में जाकर आज़ादी की लड़ाई में जो अपनी मिथ्या भूमिका बता कर केवल लोगों की बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। संदीप सांख्यान ने कि यदि आज़ादी के इतिहास के तथ्यों पर ध्यान दें तो जिन प्रमुख संगठनों का योगदान था उसमें मुख्यतया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे बड़े जन-आंदोलनों के माध्यम से स्वतंत्रता की मुख्य धारा को बनाया था। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी संगठनों में अनुशीलन समिति और युगांतर, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से भगत सिंह जैसे नेताओं का जुड़ाव, जिसने ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी थी।
संदीप सांख्यान ने कहा कि गदर पार्टी विदेशों (मुख्यतः अमेरिका) में भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित, जो सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत की आजादी चाहती थी उसमें आजाद हिंद फौज सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की मदद से ब्रिटिश शासन को उखाड़ने का लक्ष्य रखा था। इसके अलावा मुस्लिम संगठनों में जमीयत उलेमा-ए-हिंद, खुदाई खिदमतगार (रेड शर्ट्स), मुस्लिम लीग जैसे संगठनों ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संदीप सांख्यान ने कहा अन्य संगठनों में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ईस्ट इंडिया एसोसिएशन, और कई क्षेत्रीय समूह भी सक्रिय रहे थे। तो ऐसे में सवाल उठता है कि देश में केंद्रीय सत्ता के सरंक्षण में बैठी आरएसएस कैसे लोगों को आज़ादी के इतिहास को झुठलाकर अपने मन माफिक इतिहास बना रहा है और देश के आज़ादी के इतिहास को झुठला रहा है।


Author: Polkhol News Himachal








