

हमीरपुर में मानवता की अनोखी मिसाल—डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने बचाई गर्भवती महिला की जान
संजय ठाकुर | ऊहल
सुजानपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने अपने दुर्लभ रक्त समूह AB-नेगेटिव के साथ वह उदाहरण पेश किया, जो समाज में मानवता और सेवा की असली परिभाषा है। बीते दिन जब डॉ. डोगरा सुजानपुर से नगरोटा बगवां में एक कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे थे, तभी उन्हें अचानक एक संदेश मिला।
“हमीरपुर की एक गर्भवती महिला वनीता को ऑपरेशन के दौरान तुरंत AB-नेगेटिव रक्त की आवश्यकता थी। यह रक्त समूह अत्यंत दुर्लभ होता है और समय बेहद कम था। स्थिति की गंभीरता समझते ही डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने बिना एक पल की देर किए नगरोटा बगवां से हमीरपुर तक की लंबी दूरी तय की और स्वयं रक्तदान कर महिला की जान बचाई।”
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डॉ. डोगरा का यह साहसिक और नि:स्वार्थ कदम यह सिद्ध करता है कि इंसानियत अभी भी जिंदा है- जहां पद, व्यस्तता और सम्मान से ऊपर उठकर किसी की ज़िंदगी को बचाना ही सबसे बड़ा धर्म है। इस क्रम में साथ ही निस्वार्थ भाव सेवा संगठन के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनूप कुमार ने भी रक्तदान दिया।
उन्होंने कहा कि रक्तदान जैसे पवित्र कार्य को अपने कर्म से जीवंत कर, डॉ. सुरिंदर सिंह डोगरा ने न सिर्फ एक मां को नई जिंदगी दी बल्कि समाज के सामने सेवा और संवेदनशीलता की एक अद्भुत मिसाल भी कायम की।
उनका यह योगदान हर नागरिक को प्रेरित करता है कि- जब भी जरूरत पड़े, हम एक-दूसरे के लिए खड़े हों… क्योंकि किसी का जीवन बचाना सबसे बड़ी मानव सेवा है।


Author: Polkhol News Himachal









