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देवभूमि को शर्मसार करने में नशा एक मुख्य घटक, युवाओं का बौद्धिकस्तर खत्म कर देता नशा

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देवभूमि को शर्मसार करने में नशा एक मुख्य घटक, युवाओं का बौद्धिकस्तर खत्म कर देता नशा

संजय ठाकुर | ऊहल

चौधरी फाउंडेशन सुजानपुर द्वारा आयोजित नशा-मुक्ति अभियान “खेल खेलो–नशा भगाओ, स्वस्थ जीवन अपनाओ” में मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं संयुक्त कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने युवाओं को नशे के बढ़ते खतरे के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उनका प्रभावशाली और प्रेरक संबोधन रहा।

डॉ. डोगरा ने कहा कि नशा युवाओं का मानसिक और बौद्धिक स्तर कमजोर कर देता है, जिससे समाज और भविष्य दोनों प्रभावित होते हैं। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा— “वक्त एक बार गुजर जाए तो वापस नहीं आता। फसलें नष्ट हो जाएं तो दोबारा बो सकते हैं, पर नशा वह जहर है जो नस्ल को खत्म कर देता है। खराब हुई नस्ल दोबारा नहीं उगाई जा सकती।”

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उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहकर खेलों और सकारात्मक गतिविधियों को अपनाएं, क्योंकि स्वस्थ जीवन ही सही मानसिक व शारीरिक विकास का आधार है। अभियान का आयोजन चौधरी फाउंडेशन के अध्यक्ष अमन चौधरी की पहल पर किया गया, जिसमें निस्वार्थ भाव सेवा संगठन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम में जीवन राम, जीतराम, कुलवंत, निशांत सामू हा, कुलदीप सिंह राणा तथा समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ उपस्थित रहे और नशा-मुक्ति संदेश को मजबूती प्रदान की।

सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर–4 में आयोजित इस विशेष टूर्नामेंट में डॉ. डोगरा ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल व्यक्ति को अनुशासन, सकारात्मक सोच और लक्ष्य प्राप्ति के लिए तैयार करते हैं। कार्यक्रम के दौरान युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह और नशे के विरोध में जागरूकता स्पष्ट रूप से देखने को मिली।

 

 

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