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सीबीएसई स्कूलों में नियुक्ति के लिए शिक्षकों से मांगे जाएंगे तीन विकल्प

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सीबीएसई स्कूलों में नियुक्ति के लिए शिक्षकों से मांगे जाएंगे तीन विकल्प

पोल खोल न्यूज़। शिमला

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के स्तर को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए 100 सरकारी स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बता दें कि इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। चयनित शिक्षकों से स्कूलों की प्राथमिकता के रूप में तीन-तीन विकल्प मांगे जाएंगे, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और शिक्षक की सुविधा के अनुरूप हो सके।

शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होगा। दोनों के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी। इसके बाद शिक्षकों को उनके दिए गए तीन विकल्पों में से किसी एक स्कूल में तैनाती दी जाएगी। सीबीएसई स्कूलों के लिए केवल वे उम्मीदवार पात्र होंगे, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) या राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) उत्तीर्ण की होगी। इसके अलावा योग, संगीत और खेल के विषयों के लिए भी प्रशिक्षित शिक्षकों की विशेष भर्ती की जाएगी। इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अन्य सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तुलना में विशेष प्रोत्साहन (इंसेंटिव) दिया जाएगा।

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इसमें अतिरिक्त भत्ता, प्रशिक्षण के अवसर और प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शामिल होंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थानों में भेजा जाएगा। सीबीएसई स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों के तबादले भी नहीं होंगे। चयन परीक्षा के बाद भी अगर कोई पद रिक्त रहेंगे तो शिक्षा निदेशक ऐसे स्कूलों में स्वयं नियुक्तियां करेंगे।

वहीं, शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। सीबीएसई पाठ्यक्रम से छात्रों को राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, नीट और सीयूईटी की बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा।

बताते चलें कि सरकार का लक्ष्य है कि इन सीबीएसई स्कूलों को नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित किया जाए। प्रत्येक स्कूल में आधुनिक लैब, स्मार्ट क्लासरूम, खेल सुविधाएं और पुस्तकालय विकसित किए जाएंगे। स्कूलों में योग, संगीत, खेल और कला को शिक्षा के साथ जोड़ा जाएगा। फिलहाल संबंधित स्कूलों में आधारभूत संरचना, प्रयोगशालाओं और स्टाफ की उपलब्धता का आकलन किया जा रहा है। इसके बाद सीबीएसई से औपचारिक मान्यता प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

 

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