

हिमाचल हाईकोर्ट का कड़ा रुख — सेवानिवृत जजों के बकाया पर सरकारी लापरवाही पर फटकार, वित्त सचिव 10 करोड़ के ड्राफ्ट सहित तलब
पोल खोल न्यूज। शिमला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत न्यायाधीशों के बकाया भुगतान में हो रही देरी को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने मामले में स्पष्ट रूप से कहा कि वर्षों से लंबित पड़े बकाये, न्यायपालिका के सम्मान और प्रशासनिक जवाबदेही दोनों पर सवाल खड़े करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी जताते हुए वित्त सचिव को 10 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ अगली तारीख को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। पीठ ने टिप्पणी की कि अगर अदालती आदेशों के अनुरूप भुगतान नहीं हुआ तो अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी।

अदालत ने कहा कि सेवानिवृत जजों को उनकी वैध देनदारियाँ समय पर न मिलना गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है और इससे न्यायिक संस्थानों में कर्मचारियों व अधिकारियों का मनोबल प्रभावित होता है।
सरकारी पक्ष ने सुनवाई में औपचारिक प्रक्रिया और बजटीय प्रावधानों का हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए सख्त लहजे में कहा कि राज्य सरकार के पास अदालत के आदेशों को टालने या अनदेखा करने का अधिकार नहीं है।
खंडपीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा वित्त सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।
अगली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह मामला राज्य सरकार की जवाबदेही और न्यायिक संस्थान के सम्मान—दोनों से जुड़ा हुआ है।


Author: Polkhol News Himachal









