

हिमाचल विद्युत बोर्ड में 9 हजार पद खाली, दो कर्मचारी संभाल रहे 50-60 ट्रांसफार्मर
आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थाई नीति बने, बिजली मित्र भर्तियां न हों, नियमित कर्मचारियों की हो भर्ती : नितिश भारद्वाज
Special Interview: नितिश भारद्वाज, प्रदेशाध्यक्ष — हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन
बिजली कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में इन दिनों कर्मचारियों की भारी कमी देखने को मिल रही है।
एक समय था जब प्रदेश में 10 लाख उपभोक्ता थे और 43 हजार कर्मचारी कार्यरत थे।
आज उपभोक्ताओं की संख्या 28 लाख पार कर चुकी है, जबकि कर्मचारी केवल 12 हजार रह गए हैं।
यानी काम कई गुना बढ़ गया, पर कर्मचारियों की संख्या एक तिहाई रह गई।
सवाल 1: बोर्ड में पदों की कमी कितनी गंभीर है?
नितिश भारद्वाज:
यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। आज दो-दो बिजली कर्मचारी 50 से 60 ट्रांसफार्मर और कई किलोमीटर लाइन संभाल रहे हैं।
ऐसे में हादसे होना स्वाभाविक है। विभाग में लगभग 9000 पद खाली हैं — जिनमें 5000 तकनीकी और 4000 अन्य श्रेणियों के पद शामिल हैं।
कर्मचारियों पर काम का दबाव इतना बढ़ गया है कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं।
सवाल 2: क्या हादसे बढ़ रहे हैं?
नितिश भारद्वाज:
जी हाँ, हाल के वर्षों में विभागीय दुर्घटनाएं बढ़ी हैं।
जब एक लाइनमैन को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, तो सुरक्षा नियमों का पालन कर पाना मुश्किल होता है।
कई बार बिना सुरक्षा उपकरणों के फील्ड में जाना पड़ता है।
सरकार को चाहिए कि वह सुरक्षा उपकरण, पर्याप्त स्टाफ और प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
सवाल 3: बिजली मित्र और मल्टी टास्क वर्कर की नई भर्तियों पर यूनियन की क्या राय है?
नितिश भारद्वाज:
हम नई भर्तियों के विरोधी नहीं हैं, पर ये भर्तियां बिजली बोर्ड के अंदर होनी चाहिए, न कि आउटसोर्स पर। बिजली मित्र की जगह नियमित भर्ती होनी चाहिए।
पहले से हजारों कर्मचारी आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं।वे वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन स्थाई नीति न होने से उनका शोषण हो रहा है।
सरकार को पहले उन्हें नियमित करना चाहिए, उसके बाद नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।
सवाल 4: आउटसोर्स कर्मियों की मुख्य समस्याएं क्या हैं?
नितिश भारद्वाज:
- समान काम के बदले समान वेतन नहीं मिलता।
- कोई स्थाई नीति नहीं है।
- छुट्टियों, बीमा, और सुरक्षा उपकरणों की सुविधा नहीं दी जाती।
हमारी मांग है कि सरकार एक स्थाई नीति बनाए और जो कर्मचारी 5-10 साल से काम कर रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता से नियमित किया जाए।
सवाल 5: सरकार और विभाग से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं?
नितिश भारद्वाज:
हम सरकार से आग्रह करते हैं कि —
- 9000 खाली पद तुरंत भरे जाएं।
- आउटसोर्स नीति पर पुनर्विचार किया जाए
- सभी कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
- बोर्ड कर्मचारियों की प्रमोशन की फाइल्स समय पर निपटाई जाए ताकि सेवानिवृत्ति पर पूर्ण लाभ मिल सके।
जो भी प्रदेश के कर्मचारियों की मांगे होगी हम उसे प्रदेश सरकार ओर बिजली बोर्ड की मैनेजमेंट के साथ आपसी संवाद ,बातचीत के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करेंगे
सवाल 6: यूनियन की आगे की योजना क्या है?
नितिश भारद्वाज:
हम जल्द ही एक राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित करेंगे।
इसमें सभी डिवीजनों से रिपोर्ट ली जाएगी ।अभी यूनियन का ऐसा कोई रुख नहीं है कि हम लोग संघर्ष में जा रहे है ।
बॉक्स न्यूज़
खाली पदों का हाल:
- कुल खाली पद : 9000
- तकनीकी स्टाफ : 5000
- अन्य श्रेणियां : 4000
काम का बोझ:
- 2 कर्मचारी संभाल रहे 50-60 ट्रांसफार्मर
- कई किलोमीटर लाइनों की जिम्मेदारी
यूनियन की मांगें:
- आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थाई नीति बने
- समान कार्य, समान वेतन
- सुरक्षा उपकरण और बीमा अनिवार्य
- बिजली मित्र भर्तियां न कर स्थाई नियुक्तियां हों।
- बोर्ड कर्मचारियों की प्रमोशन की फाइल्स समय पर क्लीयर हो। ओ पी एस का लाभ भी दिया जाए।
- यूनियन पहले भी कर्मचारियों की मांगों को लेकर पहले भी आवाज उठाती आई है और आगे भी जोरदार तरीके से उठायेंगे।
बिजली बोर्ड प्रबंधन का पक्ष
आदित्य नेगी, एमडी, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने कहा —
“जहां भी पद खाली हैं, वहां जल्द ही बिजली मित्रों की भर्ती की जा रही है।
अन्य भर्तियों को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है।”
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में कर्मचारियों की कमी न केवल व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और जीवन से भी जुड़ा मसला बन चुकी है।
अब देखना यह है कि सरकार और बोर्ड प्रशासन यूनियन की मांगों को कब तक सुनता है।


Author: Polkhol News Himachal









