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भारत को सशक्त बनाने के लिए पंच परिवर्तन से समाज जागरण के कार्य में जुटेंगे संघ कार्यकर्ता

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भारत को सशक्त बनाने के लिए पंच परिवर्तन से समाज जागरण के कार्य में जुटेंगे संघ कार्यकर्ता

रजनीश शर्मा | हमीरपुर

भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए संघ कार्यकर्ता पंच परिवर्तन को आधार बना कर कार्य करेंगे। हमीरपुर के अणु बस्ती में आयोजित भव्य पथ संचलन और शस्त्र पूजन कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए ज़िला बौद्धिक प्रमुख कपिल ने कहा संघ शताब्दी वर्ष सभी स्वयंसेवको के लिए एक अवसर हैं अपने प्रण को पूर्णता की और ले जाने का जिसमे सबका धेयय भारत माता को परम भेवव पर स्थापित करना हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हमीरपुर नगर की अणु बस्ती में पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन का कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण, एकत्रीकरण और शस्त्र पूजन से हुआ जिसमें स्वयंसेवकों ने अनुशासनपूर्वक भाग लिया। इसके पश्चात पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला गया जिसमें स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया और संघ के प्रति अपना गौरव एवं सम्मान प्रकट किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में 120 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में तथा समाज से 200 से अधिक बंधु-भगिनी उपस्थित रहे।

उन्होने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने स्वयंसेवकों को राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर जीवन समर्पित करने की प्रेरणा दी। अपने उद्बोधन में उन्होंने संघ के पंच परिवर्तन विषयों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सामाजिक समरसता, स्व का भाव, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य ऐसे विषय हैं जिन्हें जीवन में उतारकर हम राष्ट्र को उत्कृष्ट राष्ट्र की ओर अग्रसर कर सकते हैं। उन्होंने उपस्थित सभी स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे पंच परिवर्तन के इन विषयों को अपने आचरण और व्यवहार में अपनाकर उन पर सतत कार्य करने का संकल्प लें तथा राष्ट्र को उन्नति की दिशा में ले जाने में अपना योगदान दें। यह आयोजन संघ के अनुशासन, समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रेरणादायी प्रतीक रहा।

अणु बस्ती में हुये कार्यक्रम में मुख्य अतिथि समाजसेवी विपिन कतना और विशिष्ट अतिथि पतंजलि वेल्ल्नेस के संचालक अनुपम शर्मा रहे। अपने सम्बोधन में अनुपम शर्मा ने कहा कि संघ की अनुशासन और संगठन क्षमता सबके लिए प्रेरणा का कार्य करती हैं। समाज में हर आपदा में संघ कार्यकर्ताओं कि भूमिका और स्वयम से आगे राष्ट्र को प्राथमिकता देने की प्रवृति अनुकरणीय हैं। उन्होने कहा कि की किसी भी संस्था के जीवन में 100 वर्ष का पड़ाव अत्यंत महतव का होता हैं और जब राष्ट्र जीवन में यह कार्य किया गया हो तो इसका महत्व और बढ़ जाता हैं।

 

इस अवसर पर बौद्धिक प्रमुख कपिल ने संघ की स्थापना, संघर्ष और विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण से प्रारंभ होकर समाज संगठन की दिशा में आगे बढ़ा और आज राष्ट्र निर्माण की धारा में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन चुका है। उन्होंने शक्ति पूजन और शस्त्र पूजन की परंपरा को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि शक्ति के बिना शस्त्र और शस्त्र के बिना शक्ति अधूरी है, शस्त्र पूजन समर्पण का प्रतीक है और शक्ति संपूर्ण ब्रह्मांड की आधारशिला है। उन्होने कहा कि संघ हिंदुओं का संगठन नहीं है बल्कि संपूर्ण समाज का संगठन है जो चाहता है कि भारत पुन: विश्व गुरु बने। उन्होने अपने उद्बोधन में संघ के उदयकाल और डॉ. हेडगेवार जी के जीवन-संघर्षों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार जी ने जिस समय संघ की स्थापना की, वह काल राष्ट्र की विखंडित मानसिकता और दासत्व की वेदना से भरा था। ऐसे समय में उन्होंने संगठन ही शक्ति है का विचार जन-जन तक पहुँचाया।

इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता बंसीलाल वर्मा, चंदरशेखर शर्मा, प्रेम सिंह भरमोरिया, संघ के उत्तर क्षेत्र सह व्यवस्था प्रमुख राजेन्द्र शर्मा, विहिप प्रांत सहमंत्री पंकज भारतीय, वरिष्ठ भाजपा नेता नरेंद्र अत्री, विश्व हिन्दू परिषद के ज़िला सह मंत्री अश्वनी शर्मा, सहकार भारती के नरेंद्र ठाकुर, स्वदेशी जागरण मंच से राजेन्द्र शर्मा, रवि शर्मा, अजय शर्मा, विध्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री अभिलाष, सेवानिवृत डी ए परिवहन निगम अवतार कंवर, बी एस ठाकुर, कमांडेंट एल आर शर्मा, जगन्नाथ शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

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