

टौणी देवी में अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर मॉक ड्रिल का आयोजन
रजनीश शर्मा। हमीरपुर

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में 14 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर एक प्रभावशाली मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और स्टाफ में आपदा के समय जागरूकता, तत्परता और समन्वय की भावना को विकसित करना था ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में सभी सुरक्षित और कुशल प्रतिक्रिया दे सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने की, जबकि आपदा प्रबंधन नोडल अधिकारी सोनू गुलेरिया ने संपूर्ण ड्रिल की रूपरेखा तैयार कर उसका सफल संचालन किया। मॉक ड्रिल में छात्रों को भूकंप, आगजनी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय किए जाने वाले त्वरित और सुरक्षित कदमों के बारे में विस्तार से बताया गया।
ड्रिल की शुरुआत भूकंप की स्थिति के सिमुलेशन से की गई। सायरन बजते ही सभी छात्र-छात्राएँ और शिक्षक पहले से निर्धारित सुरक्षा प्रक्रिया का पालन करते हुए अपनी कक्षाओं से निकलकर खुले मैदान में एकत्रित हुए। नोडल अधिकारी श्री गुलेरिया ने विद्यार्थियों को “ड्रॉप, कवर एंड होल्ड” तकनीक का प्रदर्शन करते हुए बताया कि यह भूकंप के दौरान स्वयं की सुरक्षा का सबसे प्रभावी तरीका है। इसके उपरांत निजी सुरक्षा के शिक्षक हुशियार सिंह ने अग्निशमन ड्रिल का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आग लगने की स्थिति में घबराने के बजाय त्वरित और संयमित ढंग से फायर अलार्म बजाकर सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए। स्कूल परिसर में फायर एक्सटिंग्विशर के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी दी गई और छात्रों को प्राथमिक उपचार की उपयोगी विधियाँ भी सिखाई गईं।
प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा प्रबंधन केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस ज्ञान को अपने परिवार और समुदाय तक पहुँचाएँ, जिससे समाज में व्यापक स्तर पर आपदा जागरूकता विकसित हो। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यास न केवल आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि संकट के समय सही निर्णय लेने की क्षमता भी मजबूत करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यालय में भविष्य में और अधिक व्यापक मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएंगी, जिनमें भूस्खलन, बाढ़ और अन्य आपदाओं से निपटने की रणनीतियाँ शामिल होंगी। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त स्टाफ, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवक एवं स्काउट-गाइड्स ने सक्रिय भागीदारी निभाई। अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित यह मॉक ड्रिल न केवल एक प्रशिक्षण गतिविधि रही, बल्कि यह विद्यालय समुदाय में सुरक्षा, सहयोग और जागरूकता की एक नई सोच का संदेश भी लेकर आई। इस आयोजन ने यह साबित किया कि यदि तैयारी सुदृढ़ हो, तो किसी भी आपदा का सामना साहस और संयम से किया जा सकता है।


Author: Polkhol News Himachal









