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Karwa Chauth 2025: जानें करवा चौथ पर सरगी खाने से लेकर चंद्रोदय का समय

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Karwa Chauth 2025: जानें करवा चौथ पर सरगी खाने से लेकर चंद्रोदय का समय

पोल खोल न्यूज़ डेस्क | हमीरपुर

सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का दिन बेहद महत्व रखता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से पति की लंबी आयु, तरक्की, प्रेम और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, इस तिथि पर किए गए पुण्य कार्यों से भी जीवन में सुख-समृद्धि भी वास करती हैं।

हिंदू धर्म में करवा चौथ को प्रेम का प्रतीक माना गया है और यह सबसे कठिन व्रतों में से एक है। माना जाता है कि इस तिथि पर सुहागिनें निर्जला उपवास रखते हुए प्रेम जीवन सुखमय की कामना करती है। साथ ही करवा माता की पूजा करते हुए अन्न-वस्त्रों का दान करती हैं। इस दौरान व्रत का प्रारंभ ब्रह्म मुहूर्त में सरगी से लेकर चंद्रोदय तक मान्य होता है। चूंकि व्रत निर्जला होता है, इसलिए खाने-पीने से लेकर सभी तरह की चीजों को ग्रहण करने की मनाही होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सरगी खाने के समय से लेकर करवा चौथ की पूजा विधि को भी जानते हैं।

करवा चौथ 2025

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्तूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी।
समापन 10 अक्तूबर को रात 7 बजकर 38 पर है।
उदया तिथि के मुताबिक करवा चौथ 10 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

करवा चौथ पर पूजा का शुभ समय शाम 5 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होकर 7 बजकर 11 मिनट तक बना रहेगा। वहीं चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 42 मिनट पर माना जा रहा है।

 

पूजा विधि

करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें और उसके बाद सरगी ग्रहण करें।
इसके बाद पूजा मुहूर्त के समय एक साफ चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें।
फिर एक साफ थाली लेकर उसमें सिंदूर, दीपक, गंगाजल, अक्षत और हल्दी रखें।
इस दौरान आप थाली में फूल और गुड़ भी अवश्य रखें।
अब चौकी के पास एक नए कलश में साफ जल भरकर उसे रख दें।
अब दीप प्रज्ज्वलित करें और धूपबत्ती जला लें।
माता करवा को फल, हल्दी, अक्षत और ताजे फूल अर्पित करें।
इसके बाद करवा चौथ के व्रत की कथा सुनें और सभी बड़ों से आशीर्वाद लें।
अब चंद्रमा के निकलते ही उसे जल अर्पित करें।
इसके बाद साफ नई छलनी के माध्यम से चंद्रमा देखें और फिर उसी से पति की ओर देखें।
फिर आप पति के हाथों से व्रत का पहला जल ग्रहण करें और उनका आशीर्वाद लें।
इसके बाद सुहागिन महिलाओं को कुछ वस्त्र व अन्न दान करें और उनका आशीर्वाद लें।
अंत में व्रत का पारण करते हुए जाने अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा मांगें।

सरगी खाने का समय

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक करवा चौथ पर सरगी हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ग्रहण की जाती है। ऐसे में करवा चौथ के दिन यानी 10 अक्तूबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह लगभग 4 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट के बीच तक रहेगा। ऐसे में आप इस अवधि में सरगी खा सकती हैं।

करवा चौथ पर शुभ योग
करवा चौथ पर कृत्तिका नक्षत्र बना रहेगा, जो शाम 5 बजकर 31 मिनट तक है। इसके अलावा सिद्ध योग का संयोग है, जो शाम 5:41 मिनट तक है। इसके बाद व्यतीपात योग प्रारंभ होगा। इस दिन चन्द्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12:07 मिनट तक रहेगा। हालांकि, दिन का सबसे शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12:30 तक रहने वाला है।

Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए पोल खोल न्यूज़ उत्तरदायी नहीं है।

 

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