best news portal development company in india

Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि का चौथा दिन, जानिए मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

SHARE:

Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि का चौथा दिन, जानिए मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

पोल खोल न्यूज़ डेस्क । हमीरपुर

नवरात्रि में मां शेरावाली की उपासना के चौथे दिन का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। साधक का मन इस दिन ‘अनाहत चक्र’में स्थित होता है, इसलिए भक्त को अत्यंत पवित्र और निश्छल भाव से देवी का ध्यान कर पूजा करनी चाहिए। अपनी मंद और कोमल मुस्कान से ‘अण्ड’अर्थात ब्रह्माण्ड की सृष्टि करने के कारण इन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। जब सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था और चारों ओर घोर अंधकार छाया था, तब देवी ने अपने ईषत् हास्य से इस ब्रह्माण्ड की रचना की थी।

कूष्मांडा देवी सृष्टि की आदि-शक्ति मानी जाती हैं। इनके पूर्व ब्रह्माण्ड का अस्तित्व ही नहीं था। देवी का निवास सूर्य मंडल के भीतर माना जाता है। यह शक्ति केवल उन्हीं के पास है कि वे सूर्यलोक में स्थित रह सकें। इनके शरीर की आभा स्वयं सूर्य के समान है। अन्य कोई देव या देवी इनके तेज की तुलना नहीं कर सकता। दसों दिशाएँ उनके ही प्रकाश से आलोकित होती हैं।

ये भी पढ़ें:शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सुबह ही शीश नवाने पहुंचे भक्त, टौणी देवी, अवाहदेवी, लदरौर में उमड़ी भक्तों की भीड़

देवी कूष्मांडा अष्टभुजा धारी हैं। इनके सात हाथों में कमंडलु, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा शोभित हैं। आठवें हाथ में जपमाला है, जो सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली मानी जाती है। इनका वाहन सिंह है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।

उपासना का महत्व

मां की पूजा से साधक का मन निर्मल होता है और उसे भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। मां की कृपा मिलने पर भक्त को भवसागर से पार होना सरल हो जाता है। देवी कूष्माण्डा अल्प सेवा और सरल भक्ति से भी प्रसन्न हो जाती हैं। सच्चे हृदय से उनकी शरण लेने वाला भक्त सांसारिक और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकता है।

पूजा से मिलने वाले फल

मां कूष्माण्डा अपने भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त करती हैं तथा आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं। यदि प्रयासों के बावजूद मनोनुकूल परिणाम न मिल रहे हों, तो इस स्वरूप की आराधना से मनोवांछित फल मिलने लगते हैं।

ये भी पढ़ें:Maa Kushmanda Aarti : नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की आरती

पूजन विधि और भोग

नवरात्र के चौथे दिन कलश पूजन कर माता कूष्माण्डा का आह्वान करें। उन्हें श्रद्धा से फल, फूल, धूप, गंध और भोग अर्पित करें। विशेष रूप से मालपुए का भोग लगाकर किसी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को प्रसाद देना शुभ माना गया है। पूजा के उपरांत बड़ों का आशीर्वाद लें और प्रसाद का वितरण करें। इससे ज्ञान, कौशल और बुद्धि की वृद्धि होती है।

देवी का मंत्र

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!

Follow Us Now