

घायल व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक सहारा दें और उसे शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें : डॉ सुरेंद्र सिंह डोगरा
संजय ठाकुर | ऊहल
हमीरपुर मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के उपध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने आज 4th IRBN जाखू में प्राथमिक चिकित्सा के गुर सिखाए। 50 पुलिस कर्मियों को बताएं फर्स्ट एड के गुर बताया कि प्राथमिक चिकित्सा किसी व्यक्ति को चोट लगने या अचानक बीमार पड़ने पर दी जाने वाली तत्काल, शुरुआती चिकित्सा देखभाल है, जो पेशेवर चिकित्सा सहायता मिलने तक किसी व्यक्ति की जान बचाने या उसकी स्थिति को बिगड़ने से रोकने का काम करती है। इसमें मामूली कट और खरोंच की देखभाल से लेकर जीवन-रक्षक प्रक्रियाएं जैसे सीपीआर (CPR) शामिल हो सकते हैं।
प्राथमिक चिकित्सा का उद्देश्य दर्द कम करना, संक्रमण से बचाना और किसी के ठीक होने के समय को कम करना है। डॉ. डोगरा ने बताया कि प्राथमिक चिकित्सा के मुख्य उद्देश्य जीवन बचाना, स्थिति को और बिगड़ने से रोकना, दर्द कम करना, संक्रमण को रोकना और जल्द ठीक होने में मदद करना है। प्राथमिक चिकित्सा के लिए आवश्यक चीज़ें प्राथमिक चिकित्सा किट, बुनियादी ज्ञान, सीपीआर (CPR) और आपातकालीन कौशल हैं। प्राथमिक चिकित्सा कब करें जब आप किसी व्यक्ति को घायल या बीमार पाते हैं, जब पेशेवर चिकित्सा सहायता पहुँचने में समय लग रहा हो, घर, कार्यस्थल या सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी दुर्घटना के बाद।
ये भी पढ़ें:फोरलेन-नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों के किनारे की गई मलबे की अवैध डंपिंग की होगी जांच, आदेश जारी

अतिरिक्त जानकारी यदि स्थिति गंभीर है, जैसे कि व्यक्ति बेहोश हो, बहुत ज़्यादा खून बह रहा हो, या हड्डी टूटी हो, तो तुरंत आपातकालीन नंबर (जैसे 102 या 108) पर कॉल करें। प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा की जा सकती है, लेकिन सबसे अच्छा होगा कि यह किसी प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा की जाए। हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा किया जा रहा प्राथमिक उपचार सुरक्षित हो।

Author: Polkhol News Himachal









