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स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को बाकाया सहित पेंशन देने का कोर्ट का फैसला सराहनीय: कालिया

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स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को बाकाया सहित पेंशन देने का कोर्ट का फैसला सराहनीय: कालिया

रजनीश शर्मा | हमीरपुर

स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश के प्रधान पुरुषोत्तम कालिया ने हाइकोर्ट केस फैसले का स्वागत किया है, जिसके तहत हाईकोर्ट की खंडपीठ में हिमाचल प्रदेश सरकार व भारत संघ की अपील को खारिज करते हुए स्वतंत्रता सेनानी के विधवा महंतो देवी को पेंशन देने की एकल न्यायाधीश के फैसले को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संघावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने 9 महीने के भीतर 2012 से बकाया पेंशन का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों के पेंशन दावों पर निर्णय लेते बक्त एक उदार एवं गैर तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

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यह योजना उन लोगों को सम्मान देने के लिए है, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया था। यह याचिका तेज सिंह स्वतंत्रता सेनानी की विधवा महंती देवी ने 2017 में दायर की थी। कोर्ट ने तेज सिंह के दस्तावेजों को सही माना, इसके तहत उसे 1947 में बिलासपुर रियासत से निर्वासित कर दिया था तथा वह प्रजामंडल में एक सक्रिय सदस्य थे। न्यायाधीशों ने अफसरशाही को भी लताड़ लगाई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आज जो वह लाभ ले रहे हैं, वह स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों की वजह से है। कलिया ने हिमाचल सरकार से अपील की है कि वह स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके परिवारों का पूरा ख्याल रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड का गठन शीघ्र करें तथा उनकी मांंगों का शीघ्र निवारण करें।

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